Ration Scheme Update : हरियाणा सरकार ने बीपीएल परिवारों को मिलने वाले सस्ते सरसों तेल की मात्रा में बड़ा बदलाव किया है। अब राशन डिपो से केवल एक लीटर तेल ही मिलेगा। सरकार ने एक सप्ताह पहले जारी आदेश में यह संशोधन किया है। हालांकि यदि कोई परिवार दो लीटर तेल लेना चाहता है, तो उसे 100 रुपए चुकाने होंगे।
पहले 40 रुपये में दो लीटर, अब 100 में
अब तक बीपीएल परिवारों को 40 रुपये में दो लीटर सरसों का तेल दिया जा रहा था, लेकिन नई व्यवस्था के तहत यह कीमत 100 रुपये कर दी गई है। यह दर जुलाई महीने से लागू कर दी गई है। इसका मतलब है कि तेल की कीमतों में करीब 150 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। हालांकि सरकार की ओर से कहा गया है कि एक लीटर तेल लेने पर 30 रुपये ही चुकाने होंगे।
राशन लाभार्थियों की संख्या
हरियाणा में जून महीने में 46 लाख राशन कार्ड धारकों ने राशन डिपो से सामान लिया था। यदि प्रति कार्ड चार सदस्य मानें जाएं, तो करीब 1.86 करोड़ लोग इस योजना का लाभ ले रहे हैं।
प्रति कार्ड धारक को निम्नानुसार राशन मिलता है:
- प्रति सदस्य 5 किलो गेहूं
- एक परिवार को एक किलो चीनी
- दो लीटर सरसों का तेल (अब घटाकर एक लीटर किया गया)
गेहूं और चीनी की कीमतें 12.50 रुपये प्रति किलो तय हैं, जिन्हें सरकार सब्सिडी के तहत मुफ्त में प्रदान कर रही है।
सरकार ने क्यों बदला नियम?
हरियाणा के खाद्य एवं आपूर्ति राज्य मंत्री राजेश नागर ने कहा कि सरकार तेल की खपत को सीमित करने और सिस्टम में पारदर्शिता लाने के लिए यह कदम उठा रही है।
उन्होंने कहा, “यदि कोई परिवार केवल एक लीटर तेल लेना चाहता है, तो उसे 30 रुपये देने होंगे। लेकिन अगर वह दो लीटर लेता है, तो 100 रुपये देना अनिवार्य होगा।” इससे स्पष्ट है कि तेल की दरों में कोई बदलाव नहीं हुआ, बल्कि खपत नियंत्रित करने की कोशिश की जा रही है।
क्या है नया तेल वितरण सिस्टम?
- 1 लीटर तेल लेने पर: 30 रुपये
- 2 लीटर तेल लेने पर: 100 रुपये
- इसका मतलब है कि दूसरा लीटर अधिक कीमत पर मिलेगा, जिससे कम खपत को बढ़ावा दिया जा रहा है।
विपक्ष ने उठाए सवाल
सरकार के इस फैसले पर विपक्ष ने तीखा हमला किया है। पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने सरकार पर चुनावी लाभ लेने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, “बीपीएल कार्ड भाजपा का चुनावी एजेंडा था। चुनाव से पहले 1.80 लाख रुपये से कम आय वाले परिवारों को बीपीएल कार्ड दिए गए और वोट मांगे गए। लेकिन अब इन परिवारों को सूची से बाहर किया जा रहा है।”
दुष्यंत चौटाला का आरोप है कि सरकार बीपीएल परिवारों के अधिकारों का हनन कर रही है और उन्हें महंगाई की मार झेलने पर मजबूर कर रही है।
जनता में नाराजगी
सरसों के तेल की कीमतों में अचानक बढ़ोतरी और मात्रा में कटौती को लेकर बीपीएल परिवारों में असंतोष देखा जा रहा है। कई लोगों का कहना है कि पहले 40 रुपये में जो दो लीटर तेल मिलता था, अब उसके लिए 100 रुपये देना भारी पड़ रहा है।
राशन लेने आए एक उपभोक्ता ने कहा, “हम पहले ही महंगाई से परेशान हैं। अब सरकार सस्ता तेल भी छीन रही है।”
खाद्य आपूर्ति विभाग की सफाई
राज्य सरकार के खाद्य आपूर्ति विभाग ने कहा है कि सिस्टम में पारदर्शिता और मुनाफाखोरी पर रोक लगाने के उद्देश्य से यह निर्णय लिया गया है। विभाग का दावा है कि इससे तेल की कालाबाजारी पर भी रोक लगेगी।
क्या बदलेगा भविष्य में?
हालांकि सरकार ने संकेत नहीं दिए हैं कि यह व्यवस्था स्थायी है या अस्थायी, लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि चुनावी माहौल को देखते हुए सरकार को इस पर पुनर्विचार करना पड़ सकता है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यदि जनता का विरोध तेज होता है, तो सरकार को तेल की कीमतों और मात्रा पर फिर से राहत देने के विकल्प तलाशने होंगे।